हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री प्लास्टिक मुक्त योजना 2019 – कचरा बेचने पर मिलेंगे 75 रूपये प्रति किलो

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हिमाचल सरकार ने महात्मा गाँधी की 150 वीं जयंती पर सभी पंचायतों में विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया। जिसमें उन्होने लोगों के बीच मुख्यमंत्री प्लास्टिक मुक्त योजना 2019-20 (Himachal Pradesh Single Use Plastic Buyback Scheme) की घोषणा करी और संकल्प किया की राज्य को पॉलिथीन से छुटकारा (Recycling plastic scheme) दिलाना है जिसमें आप लोगों का बहुत बड़ा योगदान सरकार को चाहिए। हिमाचल प्रदेश प्लास्टिक मुक्त योजना (Single Use Plastic Buyback Scheme in Himachal Pradesh) को लेकर रणनीति तैयार की गई और स्वच्छता अभियान चलाया गया।

इसके साथ ही विशेष ग्रामसभा के दौरान वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने विकास योजना (HP Single Use Plastic Recycling & Buyback Scheme) भी तैयार कर ली है जिसमें पंचायतों में कौन-कौन से विकास कार्य किए जाएंगे और कितनी राशि खर्च की जाएगी, इसके लिए प्लानिंग करी गई और तरल और ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर चर्चा हुई जिससे इसका वैज्ञानिक तरीके से निपटान हो सके

एचपी की इस सरकारी योजना के तहत ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निदेशक ललित जैन ने खंड विकास कार्यालय मशोबरा में स्वच्छता की शपथ दिलाई। उन्होंने मशोबरा से लेकर तलाई जहां पर सायर मेले का आयोजन किया जाता है, वहां अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया।

एचपी मुख्यमंत्री प्लास्टिक मुक्त योजना 2019 मुख्य बातें

प्लास्टिक मुक्त योजना (HP Single Use Plastic Buyback Scheme) के साथ-साथ वर्षा जल संचय को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें उन्होने बताया की आने वाले समय में किसी भी तरह से पीने के पानी की कमी ना हो इसके लिए भी अन्य योजनायें तैयार करी जाएंगी।

  • लोग ज्यादा से ज्यादा इस अभियान से जुड़ सके इसके लिए सरकार ने स्वच्छता से स्वास्थ्य के संबंध में लोगों को जागरूक किया और 75 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्लास्टिक (CM Plastic Buyback Scheme) खरीदने का भी निर्णय किया।
  • इसका मतलब अब लोग प्लास्टिक को इकट्ठा करके 75 रुपये प्रति किलो मूल्य (CM Single-use Plastic Waste with a Minimum Support Price) के हिसाब से सरकार को बेच कर पैसे कमा सकते हैं।
  • इस प्लास्टिक (Plastic Scheme HP) का इस्तेमाल सरकार सड़क बनाने और उद्योगों के लिए ईधन के तौर पर करेगी।
  • सरकारी आकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 75,000 किलोग्राम प्लास्टिक का कचरा है जिसका निपटारा करने के लिए लगभग 2.81 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
  • प्लास्टिक बायबैक स्कीम को 16 सितंबर को कैबिनेट से मंजूरी मिली थी।

जैसा की आप सभी जानते होंगे की अक्टूबर 2009 से, पॉलिथीन बैग के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है पर फिर भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और दुकानदार भी लोगों को प्लास्टिक बैग (Recycling Plastic Scheme Himachal Pradesh) में ही समान देते है। केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जी की विचारधारा से बहुत प्रभावित है इसी वजह से उन्होने स्वछता अभियान की शुरुआत भी 2014 में सरकार बनने पर करी थी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्लास्टिक (HP Single Use Plastic Buyback Scheme) न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि मनुष्य और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है। सभी लोग यह ध्यान रखें की 75 रूपये न्यूनतम समर्थन मूल्य पेट बोतल, प्लास्टिक फर्नीचर, डिब्बे, कंटेनर, लॉन्ग टर्म के इस्तेमाल वाली प्लास्टिक पर नहीं दिये जाएंगे। नगर निकाय या कमेटी हर ब्लॉक और जिलें में एक कूड़ा बीनने वालों का एक ग्रुप तैयार करेगी जो जगह-जगह जा कर प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया करेंगे।

इस प्लास्टिक को सरकार लोक निर्माण विभाग (Public Works Department – PWD) और सीमेंट कंपनियों को बेचेगी। इसके लिए सरकार जल्द ही सीमेंट कंपनियों के साथ एमओयू साईन करेगी।

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