हिमाचल प्रदेश महिला स्वरोजगार योजना आवेदन पत्र / पंजीकरण प्रक्रिया / पात्रता / जरूरी दस्तावेज़

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एचपी महिला स्वरोजगार सहायता योजना चलाई हुई है। राज्य सरकार द्वारा चलाई गई इस सरकारी योजना को वर्ष 2005 में शुरू किया गया था। हिमाचल प्रदेश महिला स्वरोजगार सहायता योजना को महिलाओं और विकलांगों की दैनिक जरूरतों को पूरी करने और उन्हे आर्थिक सहायता देने के लिए शुरू किया गया था। एचपी महिला कल्याण सहायता योजना का लाभ बहुत सी महिलाएं और विकलांग लोग उठा रहें हैं। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई इस रोजगार सृजन योजना में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं।

राज्य सरकार का कहना है की राज्य में बहुत से ऐसे विकलांग लोग और महिलाएं हैं जो प्रशिक्षण की कमी होने की वजह से खुद का काम नहीं कर पाते जिनकी मदद करने के लिए ही हिमाचल प्रदेश सरकार महिला स्वरोजगार सहायता योजना लेकर आई है। एचपी महिला रोजगार सृजन योजना के माध्यम से राज्य सरकार सभी पिछड़े एवं पर्वतीय इलाकों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बैंकिंग और रोजगार से जुड़ी गतिविधियों से जोड़ना है।

महिला स्वरोजगार सहायता योजना एचपी के तहत महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए कौशल प्रशिक्षण देने के साथ 2,500 रुपए सहायता भी दी जाती है। जिससे वह अपने लिए रोजगार शुरू कर सके।

एचपी मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना आवेदन,पंजीकरण प्रक्रिया

हिमाचल प्रदेश में महिला स्वरोजगार सहायता योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ 2,500 रूपये सहायता के लिए सभी पात्र महिलाओं को आवेदन पत्र भरना होगा। जिसके लिए महिला उम्मीदवार को सामाजिक न्याय सशक्तिकरण विभाग से पंजीकरण फॉर्म लेकर उसे ध्यानपूर्वक भर कर जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार होने के बाद जिला कल्याण अधिकारी इसे उपायुक्त (Deputy Commissioner) के पास भेजेगा।

कमिश्नर द्वारा सत्यापन पूरा होने के बाद महिला को प्रदेश में चल रहे स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups – SHG’s) के माध्यम से बैंकिंग सुविधा एवं छोटी-मोटी दुकान शुरू करने के लिए सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी और अगर जरूरत पड़ती है तो प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता है।

हिमाचल प्रदेश महिला स्वरोजगार सहायता योजना – उद्देश्य

  • योजना का उद्देश्य राज्य में पिछड़े क्षेत्रों एवं दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं तथा विकलांग व्यक्तियों के आय साधन को बढ़ाना है।
  • एचपी महिला रोजगार सृजन योजना के तहत कार्यरत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में वर्ष में दो बार ग्रामसभा का आयोजन किया जाता है। जिससे स्कीम से जुड़ी जानकारी महिलाओं तक पहुंचाई जा सके।
  • ग्रामसभा में बीपीएल परिवारों की महिलाओं और विकलांगों को बुला कर स्वरोजगार क्या है इसके क्या-क्या फायदे हैं सभी जानकारी दी जाती है। साथ ही साथ बैंकिंग सुविधाओं से भी अवगत कराया जाता है।
  • महिलाओं और विकलांगों को योजना के तहत स्वरोजगार शुरू करने के लिए 2,500 रूपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।
  • योजना के बारे में जानकारी लेकर महिलाएं स्वयं सहायता समूह द्वारा ग्राम सभा में कढ़ाई -बुनाई, चाय की दूकान, पान, बीड़ी-सिगरेट की दूकान, सिलाई सेंटर, ब्यूटी पार्लर, चाट की दूकान,फूल और सब्जी की दूकान आदि खोल सकती हैं।

हिमाचल प्रदेश महिला स्वरोजगार सहायता योजना – पात्रता,योग्यता

महिला स्वरोजगार सहायता योजना एचपी के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी जरूरी पात्रता या योग्यता होनी जरूरी है:

  • महिला या विकलांग की आय सभी स्त्रोतों से मिलाकर 35,000 रूपये सालाना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • आवेदक हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी होने चाहिए।
  • आवेदक की आयु 18 साल या इससे अधिक होनी चाहिए।

हिमाचल प्रदेश महिला स्वरोजगार योजना – जरूरी दस्तावेज़

सभी पात्र महिलाओं और विकलांग आवेदक के पास बताए गए निम्न्लिखित दस्तावेज़ होने चाहिए:

  • महिला का बैंक में बचत या डाक खाता होना चाहिए।
  • आवेदक महिला के पास रंगीन पासपोर्ट साइज़ फोटो होनी चाहिए।
  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी कार्ड
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक के पहले पेज की फोटोकॉपी

अधिक जानकारी के लिए महिलायें अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता या स्वयं सहायता समूह के कार्यकर्त्ता से संपर्क कर सकते हैं या फिर इस लिंक पर क्लिक करके पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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