मोदी सरकार करेगी आईआईटी,आईआईएम की तरह लिबरल आर्ट्स विश्वविद्यालय स्थापित

0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सामान्य व उदार कला विषयों (लिबरल आर्ट्स) की पढ़ाई,शिक्षा के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (India Institute of Technology – IIT) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (India Institute of Management – IIM) की तर्ज पर सरकारी विश्वविद्यालय (Liberal arts universities on par with IITs, IIMs) स्थापित करने की योजना बना रही है। इन सामान्य व उदार कला संस्थानों में बहु-विधात्मक शोध व अनुसंधान (Multi-Disciplinary Research and Education under New Education Policy 2019) के साथ शिक्षा पर ज़ोर दिया जाएगा।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अगुआई वाली विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तावित की गई नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2019) के अनुसार इसे नई शिक्षा योजना के अंतर्गत शुरू किया जाएगा। सरकार चाहती है की तकनीक व प्रबंधन की शिक्षा के अलावा सामान्य व उदार कलाओं की ओर भी युवाओं को आकर्षित किया जाये। जैसा की आप लोग जानते ही हैं की आज के समय में बहुत से युवा तकनीक और प्रबंधन के क्षेत्र में पढ़ाई की ओर ज्यादा जा रहे हैं जिससे सामान्य कला क्षेत्र पूरी तरह से लुप्त होने की कगार पर है।

केंद्र सरकार द्वारा आईआईटी,आईआईएम की तरह लिबरल आर्ट्स विश्वविद्यालय स्थापित करने से छात्र-छात्राएँ इसकी ओर आकर्षित होंगे। विशेषज्ञों का मानना है की यह मोदी सरकार का एक सराहनीय कदम है। जिससे यह क्षेत्र भी फिर से जीवंत हो जाएगा।

आईआईटी में लिबरल आर्ट्स पाठ्यक्रम

अभी देश में लिबरल आर्ट्स के विश्वविद्यालय (Liberal arts universities India) सिर्फ निजी क्षेत्रों में ही हैं, जैसे – अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, अशोका विश्वविद्यालय, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय आदि। इनमें बहुविधा (मल्टी-डिसीप्लीनरी) पाठ्यक्रम हैं और यहां विषयों को बदलने के मौके भी दिए जाते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के लिबरल आर्ट्स संस्थानों की स्थापना के लिए सरकार मौजूदा संस्थानों को इनसे जोड़ेगी और पुनर्गठन करने के साथ-साथ नए संस्थान भी स्थापित किए जाएंगे। जिससे पूरे देश में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉडल संस्थान तैयार किया जाएगा।

सरकार द्वारा बनाये जाने वाले लिबरल आर्ट्स विश्वविद्यालयों को एक विशाल बहु-विधा विश्वविद्यालय के रूप में परिभाषित करेगी जहां पर पाठ्यक्रमों में फेरबदल के साथ एक या एक से अधिक विषयों में गहन विशेषज्ञता के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

नई शिक्षा नीति में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (National Testing Agency – NTA) द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से होगा, ताकि अलग-अलग संस्थान द्वारा विकसित प्रवेश परीक्षाओं के बीच परस्पर टकराव की समस्या को खत्म किया जा सके।

सामान्य व उदार कला संस्थानों के विभाग

लिबरल आर्ट्स विश्वविद्यालयों में सामान्य व उदार कला विषयों से संबंधित लगभग सभी विभाग होंगे जो निम्न्लिखित हैं:

बहु भाषासाहित्यसंगीत
संगीतदर्शनइंडोलॉजी
कलानृत्यरंगमंच
शिक्षागणितसांख्यिकी
शुद्ध और व्यावहारिक विज्ञानसमाजशास्त्रअर्थशास्त्र और खेल

आईआईटी और आईआईएम की तरह ही इस नई शिक्षा नीति के अनुसार ओलंपियाड जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, गर्मी की छुट्टियों में चलाए जाने वाले विषय-केंद्रित कार्यक्रमों, खेल स्पर्द्धाओं आदि को प्रवेश प्रक्रिया में विशेष महत्व देने का भी उल्लेख किया गया है। इसे अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों, विशेष रूप से आईआईटी और एनआईटी, में दाखिले की प्रक्रिया में भी लागू किया जाएगा।

सामान्य कला विषयों की उच्च शिक्षा के लिए प्रस्तावित इन विश्वविद्यालयों को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (MERU) कहा जाएगा और लक्ष्य होगा की इन्हे आगे चलकर अमेरिका की आइवी लीग के विश्वविद्यालयों के स्तर का बनाया जाएगा। पूरे भारत में लिबरल शिक्षा के लिए उच्चतम मानक भी निर्धारित किए जाएंगे।

You might also like