मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के दो लाख तक के कर्ज़माफी के ऐलान के बाद विश्व आदिवासी दिवस के दिन एमपी आदिवासी कर्ज माफी योजना 2019 (MP Loan Waiver Scheme for Tribals.) का ऐलान कर दिया है। इस सरकारी योजना के तहत राज्य में जिन भी आदिवासियों ने साहूकारों से कर्ज ले रखा है उन सबका ऋण माफ कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश आदिवासी कर्ज माफी योजना (Tribals Loan Waiver Scheme in Madhya Pradesh) को चलाने के लिए राज्य सरकार ने सभी औपचारिक व्यवस्थाएं भी पूरी कर ली हैं जिसका कार्यान्वन 15 अगस्त, 2019 से शुरू हो जाएगा।
मध्य प्रदेश आदिवासी कर्ज माफी योजना 2019 (Tribals Loan Waiver Scheme in MP) के अतिरिक्त कमलनाथ सरकार ने आदिवासियों के लिए एक रुपे कार्ड भी लॉन्च किया है, जिससे की आपातकालीन अवस्था में जरूरत पड़ने पर आदिवासी लोग 10,000 रूपये तक निकाल सकते हैं।
इसके अलावा जिन भी साहूकारों के पास आदिवासियों द्वारा गिरवी जमीन, जेवर व समान है वे सब उनको वापस लौटना होगा।
मध्य प्रदेश आदिवासी कर्ज माफी योजना 2019
अब से जनजातीय कार्य विभाग का नाम बदल कर आदिवासी विकास विभाग कर दिया गया है। इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में 7 नए खेल परिसर भी खोले जाएंगे। जहां पर आदिवासी लोगों के बच्चे किसी भी खेल में अपना हुनर दिखा सकते है और आगे के समय में राज्य या राष्ट्र खेल प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे। एमपी आदिवासी ऋण माफी योजना (MP Tribals Loan Waiver Scheme 2019) राज्य के 313 ब्लॉकों में से 89 में प्रभावी होगी।
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री आदिवासी ऋण माफी योजना (MP Tribals Loan Waiver Scheme 2019) से लगभग 1.5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे और इस योजना को 15 अगस्त 2019 से राज्य में शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही साथ मुख्यमंत्री कमाल नाथ ने यह भी कहा की आदिवासी क्षेत्रों में अलग से मार्केट खोली जाएंगी। आगे से आदिवासी परिवार में किसी नए बच्चे के जन्म लेने पर 50 क्विंटल अनाज मिलेगा और 40 नए एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे।
Read in English : MP Loan Waiver Scheme for Tribals – Rupay Debit Cards [Rs. 10,000 from ATMs]
राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी की साहूकार जिनके पास धन उधार देने के लिए उचित लाइसेंस है वही भविष्य में एमपी मुख्यमंत्री आदिवासी कर्जा माफी योजना (Madhya Pradesh CM Tribals Loan Waiver Scheme) में आदिवासियों को पैसा उधार दे सकेंगे। इसके अलावा यदि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की होती है तो प्रत्येक आदिवासी परिवार को 100 किलो चावल और घी भी मिलेगा।