प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2019 – केंद्र सरकार द्वारा किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान [CCEA] को मंजूरी

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आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs – CCEA) ने किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान शुरू करने को मंजूरी दे दी है। कुसुम योजना 2019 (PM KUSUM Yojana) किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करेगी। कुसुम सोलर पंप योजना (PM Kusum Yojana) के लिए ऑनलाइन आवेदन kusum.online पर उपलब्ध है। कुसुम योजना में A,B और C जैसे 3 घटक हैं जो सौर ऊर्जा संचालित कृषि पम्प प्रदान करने के लिए लागू होंगे।

संयुक्त रूप से सभी 3 घटकों के द्वारा कुसुम योजना (Pradhan Mantri Kusum Yojana) का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2022 तक 25,750 मेगावाट की सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है। केंद्र सरकार इस योजना के लिए कुल 34,422 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Pradhan Mantri Kusum Yojana)के तहत किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान सीधे रोजगार के अवसर पैदा करेगी जिससे स्वरोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

कुसुम योजना 2019 कुशल और साथ ही अकुशल (Skilled as well as unskilled) श्रमिकों के लिए 6.31 लाख नौकरियां पैदा करेगी।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना (CCEA) – विशेषता, लाभ

किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (Cabinet Committee on Economic Affairs – CCEA) (प्रधानमंत्री कुसुम योजना) में तीन घटक शामिल होंगे जो की इस प्रकार है:

  • घटक A – 10,000 मेगावाट Decentralized Ground Mounted Grid Connected Renewable Power Plants। इस घटक को 1000 मेगावाट क्षमता के लिए पायलट मोड पर लागू किया जाएगा। घटक A के तहत, 500 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता वाले नवीकरणीय बिजली संयंत्रों को व्यक्तिगत किसानों / सहकारी समितियों / पंचायतों / किसान उत्पादक संगठनों (FPO) द्वारा उनकी बंजर या खेती योग्य भूमि पर स्थापित किया जाएगा। शेष बची बिजली को DISCOMs द्वारा संबंधित SERC द्वारा निर्धारित टैरिफ में फीड पर खरीदा जा रहा है। कुसुम योजना 2019 ग्रामीण भूमि मालिकों को आय का एक स्थिर और निरंतर स्रोत प्रदान करने वाली है।
  • घटक B  – 17.50 लाख स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना की जाएगी। इस घटक के तहत, 7.5 हॉर्स पावर तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सोलर पंप स्थापित करने के लिए किसानों को सहायता दी जाएगी।
  • घटक C  – किसान अब सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं जबकि बाकी उपलब्ध ऊर्जा को DISCOM को बेचा जाएगा। यह योजना किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने और राज्यों को उनके RPO लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बनाई जा रही है।

घटक A और B दोनों प्रोजेक्ट्स पायलट रन की सफलता के लिए तैयार किए जाएंगे,जबकि घटक B को पूरे तरीके से लागू किया जाएगा।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2019 – कार्यान्वयन

Kisan Urja Suraksha Evam Utthaan Mahabhiyan (KUSUM Scheme) / पीएम कुसुम योजना के घटक B और C को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए, सरकार 30% बेंचमार्क लागत या टेंडर लागत जो भी कम हो उसकी लागत को Central Financial Assistance (CFA) प्रदान करेगी। राज्य सरकार 30% अनुदान राशि भी प्रदान करेगी और शेष 40% राशि किसान द्वारा वहन की जाएगी। किसान द्वारा 30% निवेश राशि के लिए, बैंक से लोन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी जबकि शेष 10% राशि किसान को अपनी जेब से देनी होगी। केंद्रीय सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए 50% CFA प्रदान करेगी।

Pradhan Mantri Kusum Yojana या सरकारी योजना पर्यावरण पर काफी प्रभाव डालने वाली है क्योंकि इससे वातावरण में CO2 का स्तर कम होगा। इसके अलावा, पीएम कुसुम योजना के B घटक (स्टैंडअलोन सोलर पम्प) से कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में बचत होगी और प्रति वर्ष 1.2 बिलियन लीटर डीजल की बचत करेगी।
स्रोत: http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1565290

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