सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप / कृषि किसान मोबाइल एप डाउनलोड – किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर और खेती के उपकरण

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केंद्र सरकार ने किसानों को एक और तोहफा देते हुए एक नई सरकारी योजना के तहत सीएचसी फार्म मशीनरी मोबाइल एप (CHC Farm Machinery Mobile App Download) लॉन्च कर दी है जो एक तरह की बहुभाषी ऐप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को राहत देते हुए खेती करने वाले महंगे उपकरण जो किसानों के लिए खरीदने आसान नहीं थे अब वे (Agriculture Equipment on Rent) किराए पर लिए जा सकेंगे। इसके लिए सरकार खुद एक एग्रीगेटर की तरह काम करेगी।

कस्टम हायरिंग सेंटर्स मशीनरी ऐप (Download CHC Farm Machinery Android App) के माध्यम से देशभर के किसान घर बैठे ही अपनी खेती के कामकाज से जुड़े ट्रैक्टर और अन्य मशीनरी को किराए (Hire Tractors & Agriculture Machineries through CHC App) पर मंगा सकेंगे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मानें तो यह ऐप किसान के लिए ओला-उबर की तरह ट्रैक्टर और खेती से जुड़े अन्य सामान किराए पर उपलब्ध कराएगी।

सरकार की इससे उम्मीद है कि अब से किसानों को महंगे उपकरण (Tractors & Agriculture Machineries on Rent) नहीं खरीदने पड़ेंगे और उनकी लागत में कमी आएगी साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।

सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप

  • ऐप का नाम – CHC Farm Machinery
  • मोबाइल एप साइज़ – 5 एमबी
  • डाउनलोड कैसे करेंयहां क्लिक करें
  • भाषाएँ – यह एप हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू समेत 12 भाषाओं को सपोर्ट करती है।
  • जरूरी एंड्राइड वर्जन – 4.0.3 (KITKAT and Above)

CHC Farm Machinery App Download
कस्टम हायरिंग सेंटर्स मशीनरी ऐप

इस सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप का इस्तेमाल करके किसान अपने खेत के 50 किलोमीटर दायरे में उपलब्ध खेती के उपकरण को किराये पर ले सकेंगे और अपने हिसाब से उपकरणों का चुनाव भी कर सकेंगे।

सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप – इम्प्लीमेंटेशन

केंद्रीय सरकार ने इसके सफल कार्यान्वन के लिए 35 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर्स देशभर में बनाए हैं जिनकी क्षमता 2.5 लाख से भी ज्यादा खेती वाले उपकरण सालाना किराये पर देने की है। जहां से किसान अपनी पसंद से खेती के काम से जुड़े उपकरणों का चुनाव कर सकते हैं और किराये पर मँगवा सकते हैं, देश में ओला, ऊबर की बढ़ती लोकप्रियता को देख कर सरकार ने सोचा की क्यू ना इस तरह को कोई सेवा किसानों के लिए शुरू की जाये और जैसा की आप जानते ही है की इससे डिजिटल इंडिया को भी बढ़ावा मिलेगा।

कस्टम हायरिंग सेंटर्स मशीनरी ऐप को इस्तेमाल कैसे करना है ?

  • सबसे पहले आपको ऊपर दिये गए लिंक के माध्यम से CHC Farm Machinery Mobile App को डाउनलोड करना है।
  • उसके बाद मोबाइल में एप्प को खोलना है पर यह ध्यान रखें की यह सीएचसी मोबाइल एप्प एंड्राइड वर्जन 4.0.3 या फिर ऊपर के वर्जन वाले फोन में चलेगी।
  • फिर आपसे भाषा का चयन करने के लिए पूछा जाएगा।
  • सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप भाषा चयन करने के बाद CHC सर्विस प्रोवाइडर और किसान / उपयोगकर्ता दिखेंगे।
  • जिसके बाद आपको अपने हिसाब से इनमें से किसी एक विकल्प का चयन करना है।

सीएचसी मोबाइल एप – खेती के उपकरण

  • सभी 50 किलोमीटर दायरे में उपलब्ध उपकरणों की मिलेगी जानकारी
  • किसान अपनी मर्जी से सस्ती दरों पर उपकरणों का चुनाव कर सकेगा
  • 40,000 के आसपास कस्टम हायरिंग सेंटर्स को इससे जोडा गया है
  • अभी तक 1 लाख 21 हजार किसान इस एप्प से जुड़ चुके हैं

सीएचसी मोबाइल एप मुख्य विशेषताएँ व लाभ

यह एप 12 भाषाओं में उपलब्ध है। सरकार ने इस कस्टम हायरिंग सेंटर एंड्राइड ऐप को इस तरह से बनाया है की इसको इस्तेमाल करने में किसी भी किसान को परेशानी ना हो।

  • किसानों के लिए महंगे उपकरणों की उपलब्धता बढ़ेगी।
  • आसपास के कस्टम हायरिंग सेंटर से बिना वहां जाये पहुँच मिलेगी। जिसके लिए अभी तक वहां पर जाना पड़ता था।
  • किसानों की जब खेती करने में लागत कम होगी तो उनकी आय में भी वृद्धि होगी। जिससे वे अपनी आय का इस्तेमाल अपने जरूरी कार्यों के लिए कर सकते हैं

इसके अलावा सरकार ने कृषि किसान मोबाइल ऐप भी लॉन्च करी है जिससे किसानों को अधिक उपज देने वाली फसलें, बीजों की जानकारी के साथ-साथ खेती करने की नई तकनीकों के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी। कृषि किसान एंड्राइड मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों को मौसम का पूर्वानुमान आसानी से प्राप्त हो जाएगा। इसकी जानकारी और डाउनलोड लिंक आपको नीचे प्राप्त हो जाएगा।

कृषि किसान मोबाइल ऐप

  • ऐप का नाम – Krishi Kisan Mobile App
  • मोबाइल एप साइज़ – 6.6 एमबी
  • डाउनलोड कैसे करेंयहां क्लिक करें
  • भाषाएँ – यह एप हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू समेत 12 भाषाओं को सपोर्ट करती है।
  • जरूरी एंड्राइड वर्जन – 4.0.3 (KITKAT and Above)

Krishi Kisan Mobile App Google Play Store
कृषि किसान एंड्राइड ऐप

अभी के लिए कृषि किसान ऐप पर किसानों को मौसम की जानकारी फिलहाल चार जिलों में ही मिलेगी। इसमें भोपाल (मध्य प्रदेश), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और नानदेड़ (महाराष्ट्र) शामिल हैं।

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