Plus One Hindi Improvement Question Paper Say 2019

Kerala Plus One Hindi Improvement Question Paper Say 2019 with Answers

BoardSCERT
ClassPlus One
SubjectHindi
CategoryPlus One Previous Year Question Papers

Time Allowed: 21/2 hours

Cool off time: 15 Minutes

Maximum Marks: 80

General Instructions Candidates:

  • There is a ‘cool off time’ of 15 minutes in addition to the writing time.
  • Use the ‘Cool off time’ to get familiar with questions and to plan your answers.
  • Read questions carefully.
  • Read the questions carefully before answering.
  • Calculations, figures and graphs should be shown in the answer sheet itself.
  • Give equations wherever necessary.
  • Electronic devices except non-programmable calculations are not allowed in the Examination Hall.

सूचना : सही मिलान कीजिए:

प्रश्न 1.

अ) Save – सार्वजनिक

आ) Resource – प्रक्रम

इ) Trash – कुंजीपटल

ई) Internet – संगणक

उ) Keyboard – कूड़ेदान

ऊ) Public – सहेजें

ऋ) Computer – अंतर्जाल

ए) Programme – संसाधन

उत्तर:

अ) Save – सहेजें

आ) Resource – संसाधन

इ) Trash – कूड़ेदान

ई) Internet – अंतर्जाल

उ) Keyboard – कुंजीपटल

ऊ) Public – सार्वजनिक

ऋ) Computer – संगणक

ए) Programme – प्रक्रम

सूचना : कवितांश पढ़ें और 2 से 4 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

मनु नहीं मतु पुत्र है यह सामने, जिसकी

कल्पना की जीभ में धार होती है,

बाण ही होते विचारों के नहीं केवल

स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है।

स्वर्ग के सम्राम को जाकर खबर कर दे

रोज़ ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं ये;

रोकिए, जैसे बने, इन स्वप्नवालों को

स्वर्ग की ही ओर बढ़ते आ रहे हैं ये।

प्रश्न 2.

यह कवितांश के रचनाकार कौन है? (1)

(जयशंकर प्रसाद, पवन करण, रामधारीसिंह दिनकर)

उत्तर:

रामधारी सिंह दिनकर

प्रश्न 3.

मनुपुत्र के विचार कैसे होते हैं? (1)

उत्तर:

बाण होते है।

प्रश्न 4.

प्रगतिशील काव्य के तत्वों के आधार पर आस्वादन टिप्पणी लिखिए। (6)

उत्तर:

श्री रामधारी सिंह दिनकर हिंदी काव्य जगत के सशक्त कवि है। आप राष्ट्रकवि के नाम से भी विख्यात है। प्रगतिशील कविता के सभी गुण आपके कविताओं में देख सकते है।

मानव की प्रगति ही इस कविता का मूल मंत्र है। काल्पनिक कविता से ऊपर उठकर यथार्थता के धरातल पर खड़े होकर मानव की प्रगति के बारे में कवि यहाँ व्याख्या करते हैं। केवल स्वप्न पर न चढ़कर आगे-आगे अग्रसर होते हुए मानव चलते है। कल्पना, विचार, स्वप्न – यह तीनों को निस्सार न मानकर इसके बल पर अग्रसर होते हैं मानव । कवि कहते हैं कि मानव रोज़ ही आकाश की ओर चढ़ते जा रहे है, यानी मानव नयी नयी आविष्कारों के सहारे आकाश को भी अपने कब्जे ले रहे है, आध्यात्मिक पक्ष से भौतिक पक्ष प्रगतिशील कविता का अंतरधार है। इसलिए कवि अंतिम पंक्तियों में कहते हैं कि स्वर्ग को भी ललकारनेवाला है मानव।

प्रगतिशील कविता के गुण कवि सरल शब्दों के सहारे चित्रित किया है। उचित पद कविता को प्रभावशाली बनाता है, यह आधुनिक समाज में प्रासंगिक रचना है।

सूचनाः 5 से 8 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीन का एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए। (3 × 2 = 6)

प्रश्न 5.

‘पत्थर की बैंच

जिसपर अंकित हैं आँसू, थकान

विश्राम और प्रेम की स्मृतियाँ’

पत्थर की बैंच पर क्या अंकित है?

उत्तर:

पत्थर की बैंच पर आँसु, थकान, विश्राम और प्रेम की स्मृतियाँ अंकित है।

प्रश्न 6.

‘हम दूकानों लूटने या मोटरें तोड़ने नहीं निकले हैं – हमारा मकसद इससे कहीं ऊँचा है।”

यहाँ इब्राहिम अली किस लक्ष्य की सूचना देता है?

उत्तर:

यहाँ इब्राहिम अली स्वतंत्रता की सूचना देता है।

प्रश्न 7.

‘आगे वह कुछ नहीं सुन सका। एक सन्नाटे ने उसे अपने आगोश में ले लिया……।’ किसको सन्नाटे ने अपने वश में कर लिया?

उत्तर:

बाबूजी को सन्नाटे ने अपने वश में कर लिया।

प्रश्न 8.

‘अंतरिक्ष छिडकेगा कन-कन

निशि में मधुर तुहिन को

रात में अंतरिक्ष क्या करती है?

उत्तर:

रात में अंतरिक्ष मधुर तुहिन को छिड़कता है।

सूचनाः 9 से 13 तक के प्रश्नों में से किन्हीं चार का उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखिए। (4 × 4 = 16)

प्रश्न 9.

जीवनवृत्त पढ़िए:

जीवन-वृत्त

नाम : पवन करण

जन्म : १८ जून १९६४

जन्मस्थान : ग्वालियर मध्यप्रदेश

प्रमुख रजनाएँ : इस तरह मैं, स्त्री मेरे भीतर, अस्पताल के बाहर टेलिफोन

विशेषता : अपने परिवेश एवं जनसाधारण के कवि

पुरस्कार : रामविलास शर्मा पुरस्कार, केदार सम्मान

उत्तर:

पवन करण

प्रसिद्ध कवि श्री पवन करण का जन्म 18 जून 1964 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। आपके प्रमुख रचनायें – ‘इस तरह मैं’, ‘स्त्री मेरे भीतर’ और ‘अस्पताल के बाहर टेलिफौन’ आदि है। अपने परिवेश एवं जनसाधारण के कवि के रूप में विख्यात श्री पवन करण- रामविलास शर्मा पुरस्कार और केदार सम्मान से सम्मानित हुए है।

प्रश्न 10.

दोहा पढ़िए:

दुख में सुमिरन सब करे, सुख. में करै न कोय ।

जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय ।।

दुख और सुख में ईश्वर का स्मरण करना चाहिए।

दोहे के आधार पर अपना विचार लिखिए।

उत्तर:

प्रसिद्ध भक्तकालीन कवि कबीरदाल के एक विख्यात दोहा है यह। दुःख और सुख जीवन से अटूट संबंध रखते है। हम दुःख के समय ईश्वर को पुकारते है। सुख में हम यह भूल जाते है। कबीर का विचार है कि अगर हम सुख में भी ईश्वर के बारे में सोचते तो हमें दुःख होते ही नहीं या दुख भी सुख के समान हो जाएगा। अर्थात् हमें सुख और दुख – दोनों में ईश्वर का स्मरण करना चाहिए।

प्रश्न 11.

ये कथन पढ़िए:

  • हम दुकानें लूटने या मोटरें तोड़ने नहीं निकले हैं।
  • हमारे भाईबंद ऐसे हुकमों की तामील करने से साफ इनकार कर देंगे।
  • हमें अपने भाइयों से लड़ाई नहीं करनी है।

इस कथन के आधार पर इब्राहिम अली के चरित्र-पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर:

इब्राहिम अली जुलूस एकाँकी का प्रमुख पात्र है। वह स्वतंत्रता सेनानियों के दल के नेता है। महात्मा गाँधी से प्रेरणा पाकर वह स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेता है। वह अहिंसा व्रतधारी है। तोड़ना, नाश करना आदि अहिंसा के विरुद्ध है और वह यह करना नहीं चाहता। सभी भारतीय एक न एक दिन स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेंगे – यह उम्मीद रखते हैं। एक न एक दिन सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगा – एक आदर्शवादी है वह। सहानुभूति और परोपकार उसके चरित्र में देख सकते हैं। वह किसी से डरते नहीं।

प्रश्न 12.

मधऋतु कविता की पंक्तियाँ पढ़िए –

इस एकांत सृजन में कोई

कुछ बाधा मत डालो

जो कुछ अपने सुंदर से हैं

दे देने दो इनको।

‘वसंत सृन का कमय है।’ कवितांश का विश्लेषण करके अपना मत लिखिएछ

उत्तर:

छायावादी कवियों में प्रमुख श्री जयशंकर प्रसाद मधुऋतु कविता में वसंतकाल की सभी विशेषताओं को बड़ी मार्मिक ढंग से चित्रण करते हैं। कवि कहते हैं कि यह सृजन का समय है। सृजन में पूर्ण रूप से अर्पण करना ज़रूरी है। एकांतता भी आवश्यक है। अपने पास जो सबसे सुंदर और अच्छे है वे सब सृजन कार्य में प्रयुक्त करना ज़रूरी है। सृजनात्मकता एक पुण्य होता है, और वसंतकाल इसका सठीक समय है।

प्रश्न 13.

दुःख कहानी का अंश पढ़िएछ

‘मिट्टी के तेल की ढिबरी के प्रकाश में देखा वह दृश्य उनकी आँखों के सामने से न हटता।’ दिलीप खोमचेवाले लड़के के घर का दृश्य भूल नहीं सकता है। उस दृश्य के बारे में एक टिप्पणी लिखिए।

  • बच्चे से भेंट
  • माँ की परेशानी
  • माँ बेटे का प्यार

उत्तर:

यशपाल द्वारा लिखी गयी ‘दुख’ कहानी एक कालजयी कहानी है। संसार में सबकुछ आपेक्षिक है। फिर भी हम कुछ बातों को ज्यादा प्रमुखता देते हैं। दिलीप अपनी पत्नी हेमा के दुख से खोमचेवाले लड़के और उसकी माँ के दुख को ज्यादा मार्मिक समझते है। रास्ते में दिलीप के मुलाकात एक खोमचेवाले बच्चे से होते है और कौतूहल के कारण दिलीप उस लड़के के साथ उसके घर जाते है।

घर की हालत, गरीबी, भूख और उसकी माँ यह सब दिलीप को एक अजीब सा अनुभव देता है। रोटी के लिए तरस्ते बच्चे और भूखे रहकर भी बेटे की भूख को मिटाने के लिए कोशिश करती माँ, माँ-बाटे के प्यार, पैसे देने पर उन लोगों की कृतज्ञता आदि दिलीप के दिल को तड़पाते हैं। भूख से पीड़ित होने पर भी अपनी मर्यादा न भुलानेवाली औरत का दृश्य भूलना असंभव बन जाते हैं।

सूचना : ‘आनंद की फुलझडियाँ’ निबंध का अंश पढ़िए और प्रश्न संख्या 14, 15 के उत्तर लिखिए।

‘रुपया कमाना सबके हाथ की बात नहीं है, न शिक्षा पाकर डिग्रियाँ हासिल करना सबकी पहुँच में है, लेकिन हम सब चाहें तो आनंद और सुख की रश्मियाँ बिखेरकर दुनिया के दुख को कुछ न कुछ हल्का ज़रूर कर सकते हैं और जिन लोगों से हमारा संबंध है, उनके जीवन में कुछ-न-कुछ प्रसन्नता तो ज़रूर ही ला सकते हैं। लड़ाई, गरीबी, महँगाई और गुलामी से हमारा जीवन तो वैसे ही मुसीबतों से भरा पड़ा है। फिर भी हम उसमें कुछ सुख और आहलाद फैलाकर जिंदगी की लड़ाई को सहने लायक और जीवन को जीने लायक तो बना ही सकते हैं बशर्त हम उसका ज़रा ध्यान रखें। काम बिलकुल मुश्किल नहीं है। हमें सिर्फ ज़रा ध्यान देने की ज़रूरत है और उसका नतीजा? वह तो हम फैरन देख सकेंगे।

प्रश्न 14.

हमारा जीवन क्यों मुसीबतों से भरा पड़ा है? (2)

उत्तर:

लड़ाई, गरीबी महँगाई और गुलामी के कारण हमारा जीवन मुसीबतों से भरा पड़ा है।

प्रश्न 15.

खंड का संक्षेपण कीजिए और शीर्षक दीजिए। (6)

उत्तर:

आनंद

जीवन में कई प्रकार के समस्याओं के कारण मुसीबत होते हैं। सिर्फ भौतिक बातों को ध्यान न देकर दूसरों के बारे में सोचे तो आनंद पैदा करना बहुत आसान है। छोटे-छोटे बातों में ध्यान देंगे तो सुख और आह्लाद फैलाना मुश्किल नहीं है।

सूचनाः 16 से 19 तक के प्रश्नों में से किन्हीं तीने के उत्तर लिखिए। (3 × 6 = 18)

प्रश्न 16.

‘वह किसी अपराधी की भाँति सिर झुकाए रिक्शे के साथ-साथ चल रहा था।’ नये रिक्शावाले ने इस घटना के बारे में अपने मित्र को एक पत्र लिखा, वह पत्र तैयार कीजिए।

  • बाबूजी को दफ्तर ले जाना
  • असलम की कहानी सुनाना
  • रिक्शे से उतर पड़ना
  • अपने अपराध को समझाना

उत्तर:

नई दिल्ली,

6- मार्च – 2005

प्रिय मित्र यादव,

नमस्कार।

तुम कैसे हो? काम-धाम ठीक तो है न? घर में सब ठीक तो है न? सब लोगों से मेरा पूछताछ बताना, ईश्वर की कृपा से यहाँ भी सह ठीक तो है।

मैं एक अजीब बात बताने के लिए यह खत लिख रहा हूँ। कल मेरा मित्र असलम की मृत्यु हुई। वह गरीबी के कारण, बीमार होने पर भी, रिक्षा चलाकर अपनी घर संभालते थे। हम सभी रिक्षावाले उसकी सहायता करते थे फिर भी बीमारी ने उसके जीवन हड़प लिया। पिछले कई दिनों में असलम की गाड़ी में दफ्तर चलनेवाली एक बाबुजी मेरे रिक्षा में बैठा। रास्ते में वह असलम के बारे में पूछा तो मैंने बताया कि कल वह मर गया। मैं असलम की बीमारी और पिछले दिन की घटना के बारे में बता रहे थे । बाबुजी बड़े सोच में पड़ गये। कुछ दूर चलने के बाद वह चौंककर गाड़ी से उतरा, चढ़ाई खतम होते वक्त तक वह मेरे रिक्षा के साथ पैदल चला।

मुझे पता चला कि उसको बहुत दुःख है। शायद वह सोच रहे होंगे कि कल वह असलम की सहायता करते तो बच जाते। उसको पश्चाताप हुआ है। मुझे यह सब अजीब सा लगा। आज भी लोग ऐसे करते हैं। यह संसार बहुत बुरा तो नहीं है मित्र।

तुम्हारा मित्र,

रामू

प्रश्न 17.

‘मैं इन्हें इस उम्मीद से फेंक रही हूँ कि इनमें से कुछ भी अगर जड़ पकड़ लेंगे तो लोगों का इससे कुछ फायदा होगा।” यह सुनकर यात्रीगण दंग रह जाते हैं। तब सहयात्री और संभ्रांत महिला के बीच का संभावित वार्तालाप तैयार कीजिए।

  • महिला की रेलगाड़ी से सफर
  • मुट्ठी से कुछ चीज़ बाहर फेंकना
  • लोक कल्याण की भावना

उत्तर:

सहयात्री : अरे यह आप क्या करते हो? क्या है आपके मुट्टी में?

संभ्रांत महिला : यह कुछ फलों और फूलों का बीज है। और ……….

सहयात्री : हाँ, और आप क्यों इस बाहर फेंक रहे है?

संभ्रांत महिला : मेरा विचार है कि इसमें कुछ न कुछ जड़ पकड़ लेंगे। इस विचार से मैं यात्रा के वक्त ये बीज लाया हूँ।

सहयात्री : इससे आपको क्या फायदा है?

संभ्रांत महिला : मुझे तो शायद नहीं होगा, लेकिन कई लोगों को फायदा हो सकते है। फूल खिले तो देखनेवालों को आनंद मिलेगा, फल लगे तो मनुष्यों और पशुपक्षियों की फायदा होंगे।

सहयात्री : क्या आप इस रास्ते से कभी-कभी आते हैं?

संभ्रांत महिला : नहीं तो, इसकी कोई ज़रूरत नहीं। मैं इस गाड़ी में यात्रा करते वक्त कई पेड़ और पौधे देखे, वह सब किसी न किसी लोगों ने लगाया है। इस प्रकार मेरा कर्म का फल ओर लोगों को मिले।

सहयात्री : आप यह बहुत बढ़िया काम करते हैं। इस प्रकार के लोगों के कारण ही संसार इतना सुंदर होते हैं।

संभ्रांत महिला : यह कोई बड़ी बात नहीं है। अगर हम ज़रा ध्यान देंगे तो यह बहुत आसानी से कर सकते हैं।

सहयात्री : आपसे मुलाकात होकर मुझे बहुत खुशी हुई, धन्यवाद।

संभ्रांत महिला : मुझे भी गर्व है कि लोग सच्चाई देखते है तो उसे समझते है, धन्यवाद।

प्रश्न 18.

हिंदी के मशहूर लेखक पवनकरण की कविताओं का एक नया संकलन 2019 अपैल 10 को अभय प्रकाशन कानपुर, उत्तरप्रदेश द्वारा दिल्ली में आयोजित सम्मेलन में प्रकाशित करेगा। उसके लिए आकर्षक पोस्टर तैयार कीजिए।

उत्तर:

Plus One Hindi Improvement Question Paper Say 2019, 1

प्रश्न 19.

अंग्रेज़ी वार्तालाप का हिंदी में अनुवाद कीजिए।

Inspector : Get down, you are on wrong way.

Student : Sir I am sorry I did not see the signal

Inspector : You must careful in crossing the road

Student : Yes sir.

Inspector : Where are you studying?

Student : lam studying in Govt. H.S.S.Kollam

Inspector : I shall visit your school and take a class on traffic rules

Student : You are welcome

(Get down – नीचे उतरना, Signal – सिग्नल (संकेत), Careful – सावधान, Crossing – पार करना, Traffic rules – यातायात नियम)

उत्तर:

दारोगा : नीचे उतरो, तुम गलत रास्ते पर हो।

छात्र : माफ़ कीजिए साहब, मैं संकेत नहीं देखा।

दारोगा : सड़क पार करते समय तुम्हें सावधान रहना चाहिए।

छात्र : जी साहब।

दारोगा : तुम कहाँ पढ़ रहे हो?

छात्र : मैं सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय कोल्लम में पढ़ रहा हूँ।

दारोगा : मैं आपके विद्यालय में आकर यातायात के नियमों के बारे में एक कक्षा चलायेंगे।

छात्र : आपको तहे दिल से स्वागत।

सूचनाः 20 से 22 तक के प्रश्नों में से किन्हीं दो का उत्तर लिखिए। (2 × 8 = 16)

प्रश्न 20.

‘मेरी स्मृति में जब भी वे आँखें जाग उठती हैं, मेरी पूरी चेतना ग्लानि, बेचैनी और अपराध बोध से भर उठती है।’ छोटा भाई अपनी आत्मकथा में बड़े भाई का जिक्र करता है। वह आत्मकथांश तैयार कीजिए।

  • भाई के साथ खडब्बल खेलना
  • बड़े भाई की उपेक्षा
  • बड़े भाई को दंड दिलाना
  • क्षमा माँगने में असमर्थ रहना

ये सुर्खियाँ पढ़िए:

Plus One Hindi Improvement Question Paper Say 2019, 2

Plus One Hindi Improvement Question Paper Say 2019, 3

उत्तर:

आत्मकथा

जीवन कितना अजीब है। वर्षों पहले हुई कई घटनायें आज भी हमारे जीवन में कितना प्रभाव डालते हैं। कुछ घटनाओं को हम भूलना चाहते हैं लेकिन जितने भी कोशिश करें भूल नहीं पाते। मेरे जीवन में भी एक ऐसी घटना है।

मैं बहुत छोटा था। मेरे घर में माँ, बाप और बड़े भाई ही थे। बड़ा भाई बहुत सुंदर था और उसमें बहुत सारे गुण भी थे। वह अपाहिज था। उसको बहुत सारे दोस्त थे। मैं बिलकुल उसके उलटा था। मुझे सबसे ज़्यादा दुःख इस पर था कि बड़े भाई और दोस्त खेलते तो मैं अकेला पड़ जाता था। भाई मेरा सहायता करता था, फिर भी कभी कभी मैं अकेला ही होता था। एक बार सब खड़ब्बल खेल रहे थे। इस खेल में ताकत की ज़रूरी थी। इसलिए मैं इस खेल में शामिल न हो पाया। मुझे अकेलापन और नाराजगी महसूस होने लगे थे। मैं कई बार भाई की ओर देखा लेकिन वह खेल में इतना व्यस्त था कि मुझे बिलकुल भूल चुके थे।

मैं गुस्से से मेरे पास के खडब्बल को एक चट्टान पर फेंक रहा था। वह चट्टान पर टकराकर उछला और सीधे मेरे माथे पर आकर लगा। मैं चीखा और भाई मेरी ओर दौडे। लेकिन मैं उसे दंड दिलाना चाहता था और घर जाकर कहा कि भाई ने खडब्बल से मारा। उसे खूब पीट मिली। लेकिन मैं सच नहीं बताया। वह दर्द से मुझे याचना कर रहा था। वह याचना करते हुए आँखें आज भी मेरे सामने है। वर्षों बीत गये। आज मैं उससे क्षमा माँगना चाहता हूँ लेकिन असमर्थ हूँ।

प्रश्न 21.

बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए राज्य सरकार की ओर से की गई सेवाओं (Services) की सूचना पाने के लिए श्री.बिजोय बी. तलश्शेरी, कण्णूर द्वारा सार्वजनिक सूचना अधिकारी राजस्व विभाग (Revenue Department) सचिवालय, तिरुवनंतपुरम, केरल को एक सूचना अधिकार

पत्र लिखता है। वह पत्र तैयार कीजिए।

उत्तर:

सूचना अधिकार पत्र

10

दस रुपए

सेवा में

सार्वजनिक सूचना अधिकारी,

राजस्व विभाग,

सचिवालय, तिरुवनन्तपुरम, केरल।

आवेदक का नाम

व पता : श्री बिजोय बी

तलश्शेरी, कण्णूर।

सूचना का विषय : बाढ़ से पीड़ित लोगों को सरकार की ओर से की गई सेवाओं के बारे में जानकारी।

सूचना का विवरण

  • केरल में जलप्रलय में कितने लोगों की मृत्यु हुई और उन लोगों के घरवालों को सहायता के लिए कितने रुपये दिये गये?
  • कितने लोग बेघर हो गये उन लोगों को घर बनाने के लिए कितने पैसे दिये गये?
  • सरकार द्वारा पीड़ित लोगों की सहायता करने के लिए किसी योजना बनाई है तो उसमें कितने पैसे इकट्टा हुआ है?

सूचना डाक या दस्ती में : डाक द्वारा

आवेदक

श्री बिजोय बी

तल्लश्शेरी

प्रश्न 22.

सूचना के आधार पर किसी मन पसंद फिल्म की समीक्षा कीजिए:

  • फिल्म का कथासार
  • अभिनय की खूबियाँ/कमियाँ
  • निदेशक की भूमिका
  • पटकथा, संवाद, छायांकन, संपादन
  • अपना दृष्टिकोण

उत्तर:

तारे ज़मीन पर मेरा मनपसंद फिल्म है तारे ज़मीन पर। आठ साल का बालक ईशान अवस्थी और उसका अध्यापक रामशंकर निकुंभ की कहानी है यह। बालक ईशान जब बोर्डिंग स्कूल पहुँचता है तब से मुरझा जाता है। अनुशासन पर उसके माँ-बाप जितना ज़ोर देता है बालक एकदम विमुख बन जाता है। स्कूल में रामशंकर निकुंभ नामक अध्यापक जब उससे मिलता है उसके आदत बदलने लगता है। छात्र के प्रत्येक खूबियों को अध्यापक पहचानता है और उसे प्रेरणा भी देता है।

ईशान की भूमिका में दर्शील सफारी और अध्यापक की भूमिका में आमिर खान ने अपनी अपनी भूमिका अच्छी तरह निभाई है। टिस्का चोपड़ा, विपिन शर्मा और अन्य अध्यापक लोगों ने भी अपनी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। फिल्म का निदेशन, छायांकन, पटकथा, संवाद, गीत और पात्रों का अभिनय सब एक से बढ़कर एक रहा है।

Plus One Hindi Previous Year Question Papers and Answers

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